गाजीपुर में हामिद सेतु पर दशकों से स्ट्रीट लाइटें बंद: दुर्घटना का खतरा बढ़ा, विरोध प्रदर्शन निरर्थक साबित हुए

गाजीपुर को बिहार से जोड़ने वाले गंगा नदी पर बने महत्वपूर्ण पुल हामिद सेतु पर दशकों से स्ट्रीट लाइटें बंद हैं, जिससे यात्रियों को अंधेरे में यात्रा करनी पड़ती है। समय के साथ स्थिति और खराब होती गई है, पुल पर दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे पैदल यात्रियों और वाहनों दोनों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार विरोध प्रदर्शन के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग हामिद सेतु पर उस समय स्ट्रीट लाइटें लगी थीं, जब शारदा चौहान मंत्री थीं। हालांकि, लाइटें बंद होने से पहले कुछ दिनों तक ही चालू रहीं। तब से स्थानीय निवासियों और छात्र नेताओं ने कई बार इस मुद्दे को उठाया और विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन मामले को लगातार नजरअंदाज किया गया।

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निवासियों ने बताया कि सर्दियों के मौसम में, जब कोहरा आम होता है, रोशनी की कमी के कारण दुर्घटनाओं का जोखिम काफी बढ़ जाता है। पुल पैदल यात्रियों के लिए भी खतरा बन गया है, क्योंकि अंधेरे में स्पष्ट रूप से देखना लगभग असंभव हो जाता है। प्रदर्शनकारियों में राहगीर शशिकांत और अनिल भी शामिल हैं, जिन्होंने बताया कि रोशनी की कमी से खतरा बढ़ रहा है, खास तौर पर कोहरे और अंधेरी रातों में।

पहले भी पुल पर अंधेरे के कारण कई दुखद दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। करीब 14-15 साल पहले, यात्रियों को ले जा रही एक जीप रेलिंग से टकराकर गंगा नदी में गिर गई थी, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, सालों पहले एक हार्वेस्टर नियंत्रण खोकर नदी में गिर गया था, जिससे सुरक्षा जोखिम और भी बढ़ गया था। इन दुखद घटनाओं और कई विरोध प्रदर्शनों के बावजूद, अधिकारियों ने इस मुद्दे को हल करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

Edited By: Ballia Tak

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