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World No-Tobacco Day : तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के प्रयास से एक साल में 12 लोगों ने छोड़ी लत
मुरादाबाद: कहा जाता है कि यदि दृढ़ इच्छा के साथ सही सलाह मिल जाए तो बुरी लत भी छूट जाती है। ऐसा ही हो रहा है जिला अस्पताल के तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ में। एक साल में इस प्रकोष्ठ में 1962 लोगों की काउंसिलिंग कर उनके तंबाकू के दुष्परिणाम की जानकारी देकर इसे छोड़ने की सलाह दी गई। साथ ही इलाज के माध्यम से इनको मोटिवेट किया गया, जिसका प्रभाव यह रहा कि एक साल में 12 लोगों ने तंबाकू सेवन से हमेशा के लिए तौबा कर लिया।
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला अस्पताल में तंबाकू नियंत्रक प्रकोष्ठ संचालित है। इसमें मनोवैज्ञानिक, काउंसलर, सामाजिक कार्यकर्ता श्योवीर सिंह आदि समाज में व्याप्त ऐसी कुरीतियों को छुड़ाने के लिए लोगों की काउंसिलिंग के साथ ही इलाज करते हैं जिससे रोगी व उनके परिवार की स्थिति में सुधार हो जाए। इस प्रकोष्ठ में कई ऐसे व्यक्ति आते हैं जो दशकों से तंबाकू का सेवन करते चले आ रहे हैं लेकिन यहां मिली सलाह व सही राह ने उनके जीवन की दशा बदल दी।
एक वर्ष में हुई 1962 की काउंसिलिंग
जिला अस्पताल के तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ में अप्रैल 2023 से अप्रैल 2024 तक मनोवैज्ञानिक रीमा यादव और काउंसलर पंकज चौहान ने तंबाकू का सेवन करने वाले 1962 लोगों की काउंसलिंग की। काउंसिलिंग में तंबाकू के सेवन से होने वाले विभिन्न रोगों जैसे कैंसर, मुंह का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, टीबी, हार्ट अटैक, गैंगरीन आदि रोगों के दुष्परिणाम बताकर लोगों को जागरूक किया गया। जिसका असर यह पड़ा कि काउंसलिंग में बताई सलाह मानकर लोगों ने निकोटेक्स च्युइंगम का सेवन शुरू किया। एक वर्ष में 8552 निकोटेक्स की च्युइंगम टेबलेट लोगों को डोज के रूप में दी गई।
इन्होंने की तंबाकू सेवन से तौबा
एक वर्ष की काउंसिलिंग में 12 लोगों जिसमें नाजिम हरपाल नगर, कमलेश देवी बंगला गांव, लकी बंगला गांव, हामिद अली निवासी करुला, अमरनाथ बंगला गांव, नाथूराम निवासी कंजरी सराय, हिमांशु हिमगिरी, अकरम निवासी हरथला, किशनलाल यादव ,मलखान यादव, बैरनी निवासी बिलारी ने हमेशा के लिए तंबाकू सेवन छोड़ दिया।
तंबाकू का सेवन छुड़वाने के लिए यह करते हैं उपाय
मनोवैज्ञानिक रीमा बताती हैं कि तंबाकू सेवन करने वालों से काउंसिलिंग के दौरान इसके सेवन करने के कारणों को पहले जानने का प्रयास होता है। क्योंकि इसके कई मनोवैज्ञानिक व सामाजिक, पारिवारिक कारण होते हैं। मरीज के बताए कारणों को दूर करने के लिए उनसे बातचीत कर परामर्श दिया जाता है। उनको रहन सहन बदलने, उस परिवेश या परिस्थिति से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है जो तंबाकू सेवन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। फिर उसे छोड़ने के उपाय बताए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जिनको नियमित तंबाकू सेवन करने की प्रवृत्ति होती है उनके लिए 3-6 महीने का कोर्स कराते हैं। एक दिन में अधिकतम 12 निकोटेक्स च्युइंगम टेबलेट ले सकते हैं।