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अयोध्या को विश्व का सर्वोत्तम शहर बनाएगी योगी सरकार, जानिये कब तक
लखनऊ। योगी सरकार वर्ष 2033 तक अयोध्या को विश्व का सर्वोत्तम शहर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके लिए वहां संचालित विभिन्न परियोजनाओं में 85 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। यह बात उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा कराई गई एक स्टडी में सामने आई है।
इन 27 बिंदुओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है विकास
रोड और पार्किंग, रेल लाइन का दोहरीकरण, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, एयरपोर्ट, गुप्तारघाट, मंदिर संग्रहालय, वैक्स संग्रहालय, सांध्य सरोवर, अयोध्या बाजार, 37 धार्मिक स्थलों का पुनर्विकास एवं सौंदर्यीकरण, 25 पौराणिक एवं 39 चौराहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, साउंड लाइट शो के साथ वाटर स्पोर्ट्स और सरयू में क्रूज का संचालन, सरयू के घाटों पर 500 प्रीफ़ैब शौचालय की स्थापना, परिक्रमा मार्गों का विकास, विभिन्न मंदिरों का सौंदर्यीकरण एवं पुनर्विकास, 140 भाषाओं में मौसम का पूर्वानुमान, सोलर बोट्स का संचालन, 28 भाषाओं में पथ प्रदर्शक बोर्ड, हेलीकॉप्टर की सुविधा, ई-कार्ट सुविधा, दिव्यंगों एवं वृद्धजनों के लिए व्हीलचेयर, रेल ओवरब्रिज, लक्ष्मण पथ का निर्माण, सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना, कैफेटेरिया एवं ओपन थियेटर की सुविधाएं, सफाई मित्रों की तैनाती और स्ट्रीट लाईट जैसे अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं।
वैश्विक मानकों को ध्यान में रखकर बनी हैं परियोजनाएं
ईडीआईआई स्टडी में इस बार की पुष्टि की गई है कि नव्य अयोध्या के विकास के लिए बनी परियोजनाएं विश्वस्तरीय हैं। इसके लिए अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट और इंटरनेशनल बस स्टेशन का विकास किया जा रहा है। इसमें पहले फेज का कार्य पूर्ण हो चुका है। वहीं अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन को देशभर के प्रमुख शहरों के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक मानकों को ध्यान में रखकर उसका पुनर्विकास किया गया है।
क्या कहते हैं ईडीआई के महानिदेशक
ईडीआई के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला ने कहा कि “अयोध्या में दुनिया की सबसे लंबी सौर स्ट्रीट लाइट परियोजना संचालित है, जिसमें गुप्तारघाट से लक्ष्मण घाट तक 10 कि.मी. के क्षेत्र में 400 से अधिक स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं।उन्होंने बताया कि इस प्रकार की विकासात्मक पहल से अयोध्या एक विकसित धार्मिक स्थल के रूप में पहचान बनाने के साथ-साथ प्रगतिशील शहरों के मानचित्र पर भी स्थापित हो जायेगी। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि अयोध्या में स्थान आधारित पर्यटन केंद्र बनाने पर दिया जा रहा ध्यान विभिन्न प्रकार के आगंतुकों, पर्यटकों, वास्तुकारों को आकर्षित करेगा, जो आने वाले वर्षों में शहर प्रबंधन और नगर नियोजन पर अध्ययन करेंगे।