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UP News: जाली दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने वाले अब तक 420 फर्जी शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज, 722 मामलों की जांच जारी
लखनऊ। विगत चार वर्षों में जाली दस्तावेज लगाकर शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने वाले 420 शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। इसी तरह 722 और फर्जीबाड़े की शिकायत पर जांच जारी है। सर्वाधिक फर्जी शिक्षक देवरिया जिले में पाए गए हैं। फर्जी शिक्षकों लगातार शिकायतों को देखते हुए एसटीएफ मुख्यालय ने अब शिकायतों की जांचों को इकाई स्तर पर ही कराने का निर्णय लिया है, ताकि मुख्यालय पर अधिक भार न हो।
जिलेवार देखा जाए तो देवरिया में सर्वाधिक 54, मथुरा में 43, सिद्धार्थनगर में 33, बस्ती में 30, गोरखपुर में 23, श्रावस्ती में 21, सीतापुर में 21, महराजगंज में 20, बलिया में 17, आजमगढ़ में 15, प्रतापगढ़ में 15, बलरामपुर में 12, संतकबीर नगर में नौ और हरदोई में छह फर्जी शिक्षक मिले। 2018 में हर जिले में जांच के लिए बनाई गई थी।
कमेटी को 2008 के बाद नियुक्त सभी शिक्षकों की जांच करनी थी। यही नहीं 2020-21 में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में फर्जी शिक्षक पकड़े गए। अधकारियों के मुताबिक फर्जी नियुक्ति कराने वाले गिरोह के सदस्य पहले हुई भर्ती में चयनित शिक्षकों की मार्कशीट, अन्य प्रमाण पत्रों और दस्तावेज की डुप्लीकेट कॉपी संबंधित बोर्ड, यूनिवर्सिटी और विभिन्न संस्थानों से जुटाते थे।
जिन शिक्षकों के अंक ज्यादा होते, उन्हीं के नाम और दस्तावेजों के आधार पर किसी व्यक्ति को सहायक अध्यापक पद पर नौकरी दिलाते थे। आवेदन पत्र में केवल फोटो और पता ही संबंधित व्यक्ति का होता था, बाकी सभी दस्तावेज पहले चयनित शिक्षक के नाम से होते थे। ऐसे में कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से नौकरियां हासिल कर लीं। अब जांच में ये लोग फंस रहे हैं। बतादें कि अब तक 50 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।