पूर्व आईएएस की पत्नी की हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उनका ड्राइवर निकला, अंतिम संस्कार में खूब बहाया आंसू

लखनऊ। राजधानी के गाजीपुर थाना क्षेत्र सेवानिवृत्त कमिश्नर अधिकारी देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या का खुलासा पुलिस ने मंगलवार को कर दिया है। हत्या की साजिश रचने में ड्राइवर, उसका भाई और एक साथी पकड़ा गया है। एनकाउंटर में मुख्य आरोपित को गोली लगी है, जबकि एक सिपाही घायल हुआ है।

पुलिस ने इनके कब्जे से लूटा हुआ करीब एक करोड़ रुपये के जेवरात और स्कूटी भी बरामद कर लिया है। पुलिस ने गिरफ्तार अभियक्तों से पूछताछ की तो पता चला कि हत्या व लूट की साजिश रचने वाला कोई और नहीं बल्कि सेवानिवृत्त कमिश्रर का 13 साल पुराना उनका ही ड्राइवर निकला।

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मास्टरमाइंड उनका ड्राइवर था, भाई व साथी के साथ मिलकर की वारदात

घटना का खुलासा करते हुए पुलिस कमिश्नर एस बी शिरडकर, जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने बताया कि थाना गाजीपुर क्षेत्र के इंदिरानगर सेक्टर 20 में शनिवार सुबह पूर्व आईएएस व प्रयागराज के पूर्व कमिश्नर देवेंद्र दुबे के घर में घुसकर बदमाशों ने उनकी पत्नी मोहिनी की हत्या कर दी थी और घर से नगदी सहित कीमती जेवरात लूटकर मौके से फरार हो गए थे।

इस पूरे मामले की जांच में जुटी पुलिस टीमों ने सीसीटीवी कैमरे की सहायता से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और वारदात का मास्टर माइंड अखिलेश ने ड्राइवर रवि और एक साथी की मदद से घटना को अंजाम दिया था।

लूट का सारा सामान कुकरैल बंधे के पास झाड़ियों में छुपा रखा था

गिरफ्तार मुख्य आरोपी अखिलेश से जब पूछताछ की तो उसने बताया की लूट का सारा सामान उसने कुकरैल बंधे के पास झाड़ियों में छुपा रखा है। जब पुलिस ने उसकी निशानदेही पर लूट का माल बरामद करने के लिए उसे साथ ले गई तो उसने एक बैग में लूट के माल के साथ एक अवैध तमचा छुपा रखा था और जब पुलिस ने उससे बैग खोलने को कहा तो उसने भागने की नियत से बैग में रखे असलहे से पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी।

जब पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की तो अखिलेश के पैर में गोली लग गई। इस दौरान थाना गाजीपुर में तैनात एक सिपाही को भी चोटें आई हैं। दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भेज दिया गया है और लूट के माल सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस ने सफलता प्राप्त की है।

पिछले 13 साल से सेवानिवृत्त कमिश्नर के घर रह रहे थे दोनों भाई

पूछताछ में वारदात के मुख्य आरोपी अखिलेश यादव ने बताया कि वह और उसका भाई रवि पिछले 13 वर्षो से देवेन्द्र नाथ दुबे निवासी इन्दिरानगर थाना गाजीपुर लखनऊ रिटायर्ड आईएएस के यहां गाड़ी चलाने व घर का काम करते थे। जो अपनी पत्नी ललित मोहनी दुबे के साथ अकेले रहते थे।

पुराने होने के कारण हम लोग विश्वसनीय थे एक दिन वह स्टोर रूम में सफाई कर रहा था तभी ललित मोहनी दुबे ने वहां पर रखी अलमारी में से गहने निकाले और कहीं जाने के लिए उनमें से कुछ गहने छांट कर बेड पर रख दिये। जिनको उसने देखा तब मुझे पता चला कि मैडम की इस आलमारी में गहने रखे हैं तभी उसके मन में जल्दी अमीर बनने का लालच आ गया।

दोनों भाई और उसके दोस्त ने लूट का बनाया प्लान

यह बात उसने घर जाकर अपने भाई रवि यादव को बताई तो उसने मुझे सलाह दी कि देवेन्द्र नाथ दुबे सुबह 7 बजे प्रतिदिन गोल्फ खेलने कालिदास मार्ग गोल्फ क्लब लखनऊ जाते हैं। जब वह देवेंद्र नाथ दुबे को गोल्फ खिलाने ले जाऊंगा तब तुम किसी के साथ आकर गहने लूट लेना और यदि मैडम को पता चल जाए तो उनको जान से मार देना।

इसी षडयंत्र के चलते उसने यह बात अपने पुराने मित्र रंजीत से बतायी जिसने घटना में शामिल होने के लिए एक तिहाई हिस्सा तय कर सहायता करने में हां कर दी। घटना वाले दिन रंजीत उपरोक्त अपनी स्कूटी लेकर आया था जिसे वह चला रहा था। देवेन्द्र नाथ दुबे के घर निकलने से पहले करीब 7 बजे वह और रंजीत आगे वाले चौराहे पर इन्तजार करने लगे जब रवि, दुबे को गोल्फ खिलाने घर से बाहर निकले तो रास्ते में हमें इशारा करते हुए चला गया । इसके बाद हम दोनों देवेंद्र नाथ दुबे के घर पहुंचकर बेल बजाई तो मैडम बाहर आयी।

एक ने मोहिनी का पैर छुआ तो दूसरे ने पकड़ा गला

उन्होंने मुझे देखकर विश्वास में आाकर गेट खोल दिया, वह अन्दर चला गया और मैडम मोहिनी को बताया कि मेरे साथ मेरा एक मित्र आया है जो मेरे काम काज में हाथ बंटा देगा। इस पर उन्होंने उस मित्र को अन्दर बुलाने के लिए कहा तो वह रंजीत को अन्दर बुलाया, रंजीत ने अन्दर आकर जैसे ही मैडम के पैर छुए उसी समय वह मैडम का पीछे से गला दबा दिया और रंजीत ने मैडम को पकड़ लिया।

जैसे ही मैडम नीचे गिरी हम लोगों ने पास में रखे मैडम के दुपट्टे से गला कस दिया । मैडम द्वारा छटपटाने पर साथ लाये पेचकस से मैडम के ऊपर कई वार किये कुछ समय पश्चात मैडम की सांस रूक गयी और हम लोग अलमारी में रखे जेवरात लूट कर वहां से भाग गये।

सीसीटीवी फुटेज से अखिलेश व रंजीत की हुई पहचान

वारदात के दौरान जांच में कैंट इलाके में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में उसी स्कूटी पर अखिलेश और रंजीत को देखा, जिससे वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने शक के आधार पर अखिलेश और रवि को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों ने अपना गुनाह स्वीकारा।

मंगलवार को पुलिस मुख्य आरोपित अखिलेश को लेकर माल बरामदगी के लिए कुकरैल नदी के पास पहुंची। यहां पर बैग में छिपाकर रखा गया तमंचा निकालकर अखिलेश ने पुलिस टीम पर फायर झोंक दिया, जिसमें मुख्य आरक्षी बाल कृष्ण घायल हो गये। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलायी तो अखिलेश को जा लगी। दोनों घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।

हत्यारोपी मोहिनी के अंतिम संस्कार में भी हिस्सा लिया और खूब रोये

इस पूरे वारदात में मजे की बात यह है कि हत्या करने के बाद अखिलेश और रवि ने मोहिनी दुबे की अंतिम संस्कार में भी हिस्सा लिया। साथ ही फूट-फूटकर खूब रोए भी थे। ताकि किसी को उनके ऊपर शक न हो। इसलिए शुरूआम में पुलिस को इन पर शक भी नहीं हुआ। साथ ही पूर्व कमिश्नर के ड्राइवर होने के कारण पुलिस की निगाह भी नहीं गई लेकिन जैसे-जैसे पुलिस की जांच बढ़ती गई और यह घेरे में आते गए तो रवि से पूछताछ करना शुरू कर दिया। डीसीपी उत्तरी अभिजीत आर शंकर ने बताया कि गहने और रुपये की लालच में हत्या की गई है।

आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताई कहानी

मुख्य साजिशकर्ता अखिलेश पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उसे टीबी की बीमारी थी। जिसका इलाज कराते-कराते काफी कर्जदार हो गया था। जिसे चुका नहीं पा रहा था। इसलिए अपने भाई रवि और दोस्त रंजीत के साथ मिलकर लूट का प्लान बनाया। अभी हाल में रंजीत की शादी हुई थी। जिसमें वह काफी कर्जदार हो गया था। पूर्व कमिश्नर ने रंजीत को आश्वासन दिया था कि उनकी शादी में मदद करेंगे लेकिन मदद के नाम पर केवल 21 हजार रुपये दिये। जिसकी वजह से उसके मन में यह खुन्नस थी। इसीलिए वह भी लूट में शामिल हो गया।

Edited By: Ballia Tak

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