Lucknow triple murder : पाकिस्तान से गहरा नाता रखता है तीनों हत्याओं का आरोपी, नेपाल के रास्ते करता था काले कारोबार

लखनऊ। राजधानी से सटे मलिहाबाद के मोहम्मदपुर गांव में शुक्रवार को संगीन हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इस हत्याकांड में मारे गए परिवार के तीनों लोगों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद गांव पहुंचे हैं। पूरे इलाके में भारी पुलिस फोर्स तैनात है। 

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एक ही परिवार के तीन लोगों को गोलियों से भून देने वाला लल्लन उर्फ सिराज का पाकिस्तान से गहरा नाता है। पाकिस्तान से कबूतरों और पोलैंड से प्रतिबंधित नस्ल के कुत्तों की तस्करी करता था। इसके लिए उसने नेपाल का रास्ता चुन रखा था। अपने काले कारोबार के लिए उसने नेपाल में कई ठिकाने भी बना रखे थे। पुलिस अब उसके पुराने कारनामों की फेहरिस्त खंगाल रही है।

मलिहाबाद के मुहम्मदपुर गांव में शुक्रवार को हुई तीन हत्याओं के मामले में शनिवार को पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसमें लखनऊ के पुराने हिस्ट्रीशीटर लल्लन उर्फ सिराज और उसके बेटे फराज को मुख्य आरोपी बनाया गया है। ड्राइवर अशर्फी और फुरकान सह आरोपी हैं। पुलिस ने घटना के कुछ घंटों बाद अशर्फी को गिरफ्तार कर लिया था। बाकी तीनों आरोपी फरार हैं। घटना में इस्तेमाल लल्लन की लाइसेंसी रायफल और थार जीप बरामद कर ली गई है। आरोपियों के विदेश भागने की आशंका में पुलिस एयरपोर्ट से लेकर शहर का कोना-कोना छान रही है।

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गब्बर के नाम से मशहूर था, कबूतरबाजी का शौकीन है आरोपी
पुलिस की अबतक की जांच में सामने आया कि आरोपी 70 वर्षीय लल्लन 80-90 के दशक तक गब्बर के नाम से मशहूर था। जमींदार परिवार का लल्लन कबूतरबाजी का शौक़ीन है। जांच में पता चला कि 4 साल पहले उसने सरहद पार पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब के सूरबाला गांव से कुछ कबूतर मंगवाए थे। उसे कबूतरों की सप्लाई करने वाले बबलू कजाला के बारे में भी लखनऊ पुलिस जानकारियां जुटा रही है। 

विदेशों से करता है प्रतिबंधित नस्ल के कुत्तों का कारोबार
पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि आम के बागानों के साथ लल्लन के कुत्तों का फार्म हाउस भी है। यहां कीमती प्रजाति के कुत्तों की ब्रीडिंग करवाकर उनसे मोटी कमाई करता था। जांच मे पता चला कि लल्लन विदेशों से पिटबुल समेत कई ऐसी नस्ल के कुत्तों की तस्करी करवाता था जो भारत में प्रतिबंधित हैं। इन खूंखार नस्ल के कुत्तों को वो बेहद मंहगे दामों में बेचता था। इसमें उसकी मदद उसके पोलैंड में रहने वाले दो बेटे शमाइल और इराज करते थे। दोनों का पोलैंड में बड़ा कारोबार है। 

नेपाल में ठिकाना बनाकर करता था काले कारोबार
पुलिस की अबतक की तफ्तीश में सामने आया कि लल्लन के दो बेटे पोलैंड में सेटल हैं। तीसरा छोटा बेटा और घटना में उसका साथ देने वाला फराज उसके साथ रहता है। इनका विदेशों से कई तरह का अवैध करोबार होता है। इसके लिए नेपाल में आरोपियों ने कई ठिकाने बना रखे हैं। उसके बेटे पोलैंड से जब भी भारत आते हैं पहले नेपाल में ही रुकते हैं। पाकिस्तान से कनेक्शन सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां भी पता लगा रही है कि देश विरोधी गतिविधियों में इनकी संलिप्तता तो नहीं है।

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राजनीतिक संरक्षण में लल्लन ने बढ़ाया था अपने नाम के खौफ का दायरा
स्थानीय लोगों के मुताबिक लल्लन बचपन से ही बिगड़ैल मिजाज था। तीन भाईयों और पांच बहनों में सबसे छोटा था। उसके रवैये से परिवार नाखुश था। इसकी वजह से उसने मलिहाबाद का पुश्तैनी मकान छोड़कर राजधानी दुब्बगा में घर बना लिया था। कई दशक तक एक राजनीतिक पार्टी से उसका बेहद करीबी नाता रहा। इसकी वजह से उसे जुर्म करने में कभी हिचक नहीं हुई। सत्ता में मजबूत पकड़ रखने की वजह से 1979 में उसने काकोरी निवासी हबीब नाम के शख्स की हत्या करके शव को ईंट भट्ठे में डाल दिया था। कई दिन बाद पुलिस को शव बरामद हुआ था। 2015-16 में उसने भतीजे खुदादाद को सपा से टिकट दिलवाकर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव भी जिताया था।

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आंखो के सामने देखा खौफनाक मंजर, तख्त के नीचे घुस कर बचाई अपनी जान 
शुक्रवार को राजधानी से सटे मलिहाबाद इलाके के मोहम्मदनगर गांव में एक-एक कर परिवार के तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। जमीन के झगड़े में चाचा लल्लन खान सहित लल्लन खान के पुत्र फ़राज़ खान ने मिल कर भतीजे फरीद खान की पत्नी फरहीन खान व हंजला खान सहित ताज खान को गोली मार दी। इस पूरे वाकये के दौरान घर में बीते 6 साल से काम कर रहे पचास वर्षीय नन्हक्के, पुत्र मोहन, निवासी महमूदनगर मौजूद थे। उनके सामने आरोपी दनादन गोलियां दाग रहे थे और उनके मालिक और मालकिन खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे। उन वक्त उन्हें सिर्फ एक ही ख्याल आया कि अगर सामने दिखे तो वो भी अभी लाश में तब्दील हो जायेंगे। खौफजदा नन्हक्के चुपचाप वहीँ पड़े एक तख्त के नीचे घुसकर दुबक गए। बात करते हुए अभी भी वो सदमे की हालत में हैं, उनकी आँखों में आंसू साफ़ देखे जा सकते हैं।

Edited By: Ballia Tak

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