चित्त को प्रसन्न रखने में षट्कर्मो की अहम भूमिका : प्रो. ईश्वर भारद्वाज

लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में योग विभाग, योग वेलनेस सेन्टर एवं आईयूसी वाईएस, बेंगलुरु के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय नेशनल योग सेमिनार का उद्धघाटन किया गया।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एन.एम.पी.वर्मा के दिशा निर्देशन में आयोजित यह सेमिनार 17 जून तक चलेगा। इसमें देश भर से योग वैज्ञानिक, प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर एवं योग साधक जुड़कर योग विषयों पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

मुख्य अतिथि प्रो.ईश्वर भारद्वाज ने योग के मूल तत्वों के बारे में बताते हुए कहा कि आधुनिक जीवन शैली में सुखी जीवन जीने एवं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रमुखता देते हुए चित्त को प्रसन्न रखने में षट्कर्मो की अहम भूमिका है।मुख्य वक्ता प्रो. जीडी शर्मा ने बताया कि आज के आधुनिक समय में योग के स्वरूप को अपनाकर अपनी मूल विचारधारा में परिवर्तन लाया जा सकता है।

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साथ ही श्रीमद्भगवद्गीता,योगसूत्र, योगउपनिषद जैसे मूल ग्रंथों के विचारो ग्रहण करके अपने जीवन को योगमय बना सकते है।प्रो. बीसी यादव ने कहा कि आज के समय में योग प्रत्येक व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। योग के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। साथ ही प्रो. हरिशंकर सिंह ने योग को सर्वांगीण विकास का साधन बताया।

सेमिनार के प्रथम सत्र में वक्ताओं की श्रंखला में प्रो.सुरेंद्र कुमार,प्रो. सुब्रमण्यम एवं द्वितीय सत्र में प्रो.समीरन मंडल ने अपना व्याख्यान में योग शास्त्र एवं योग विज्ञान द्वारा शरीर एवं मन पर पड़ने वाले प्रभावों से अवगत कराया।इस सेमिनार में देश भर के 15 योग विद्वानों द्वारा व्याख्यान एवं 15 शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ.दीपेश्वर सिंह ने किया।कार्यक्रम के दौरान योग विभाग से डॉ.नरेंद्र सिंह,डॉ.नवीन जीएच व योग वेलनेस सेंटर के योग प्रशिक्षक सागर सैनी एवं देश भर से योग साधक उपस्थित रहे।

Edited By: Ballia Tak

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