Lucknow News: अंसल एपीआई के एमडी व डिप्टी प्रेसीडेंट को मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने खत्म किया धोखाधड़ी का आपराधिक मुकदमा

लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंसल एपीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव अंसल व डिप्टी प्रेसीडेंट हरीश गुल्ला को बड़ी राहत देते हुए, धोखाधड़ी व कूटरचना के एक मामले में उनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने इस मामले में पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए, निचली अदालत द्वारा पारित किए गए तलबी आदेश को भी खारिज कर दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की एकल पीठ ने हरीश गुल्ला व प्रणव अंसल की याचिका पर पारित किया है। याचियों की ओर से दलील दी गई कि उनके खिलाफ संजीव अग्रवाल ने विभूति खंड थाने में धोखाधड़ी व कूटरचना आदि आरोपों में वर्ष 2018 में एफआईआर दर्ज कराई। याचियों पर आरोप लगाया गया कि वादी व उसकी पत्नी ने अंसल द्वारा डेवलप किए गए सुशांत गोल्फ सिटी में कई प्लाट, फ्लैट्स व विला बुक कराए थे।

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इसके लिए वर्ष 2011-12 में 11 एमओयू भी बनाए गए थे लेकिन प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए राज्य सरकार को जमीनों की व्यवस्था करनी थी जिसमें देरी होती चली गई जिसकी वजह से सम्पत्तियां वादी व उसकी पत्नी को नहीं हस्तांतरित की जा सकीं। इस पर वादी ने याचियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी।

याचियों की ओर से दलील दी गई कि बाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता भी हुआ जिसके तहत चार संपत्तियों का बैनामा किया जा चुका है और बाकी के चार संपत्तियों का बैनामा किया जाना है लेकिन 19 जून 2023 को यूपी रेरा ने अंसल पर नया बैनामा करने से रोक लगा दी। कहा गया कि इसी कारण से बाकी के चार संपत्तियों का बैनामा नहीं किया जा सका, हालांकि याची अब भी समझौते की शर्तों का पालन करने को तैयार हैं और उनकी वादी को धोखा देने की कोई मंशा नहीं है।

न्यायालय ने सभी परिस्थितियों को देखते हुए कहा कि याचीगण समझौते की शर्तों का पालन करने को तैयार हैं, ऐसे में आपराधिक कार्यवाही को जारी रखना सही नहीं है।

Edited By: Ballia Tak

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