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एंटी पेपर लीक कानून लागू, जानिये क्या है इसमें नियम
प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने के मामलों की सख्ती से रोकथाम के लिए शुक्रवार रात पेपर लीक कानून लागू कर दिया गया। यह कानून इसी साल फरवरी में पारित हुआ था, सरकार ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। इसे ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ (पब्लिक एग्जामिनेशन एक्ट 2024) नाम दिया गया है। इसके लागू से प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
एक करोड़ रुपये तक के जुमार्ने का प्रावधान
पेपर लीक कानून के दायरे में वे सभी परीक्षाएं
इसके तहत 15 गतिविधियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से किसी में भी शामिल होने पर जेल जाने या बैन होने या भारीभरकम जुमार्ने की की सजा मिल सकती है।
पेपर लीक कानून के दायरे में वे सभी परीक्षाएं हैं जिन्हें सार्वजनिक परीक्षा निकाय आयोजित करते हैं या फिर ऐसे संस्थान आयोजित करते हैं जो केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त हैं। इसमें कई बड़ी परीक्षाएं शाामिल हैं। कानून के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे की प्रतियोगी परीक्षा, बैंकिंग भर्ती परीक्षा और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाने वाली सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं शामिल हैं।
परीक्षाओं के संचालन की निगरानी के लिए विशेष समिति गठित
शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने, सुचारु और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए सात विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। विशेषज्ञ पैनल के गठन का कदम राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) परीक्षा 2024 में कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच उठाया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए सिफारिशें करेगी।