कासगंज: खाद के लिए मारामारी जारी, महिलाएं भी कतार में लगने को मजबूर

गंजडुंडवार: गंजडुण्डवारा जिले में किसानों के सामने खाद को लेकर समस्या खड़ी हो गई है। यहां डीएपी खाद न मिलने से किसान खाद केंद्र के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लगाने के लिए मजबूर हैं। ऐसा ही नजारा एटा रोड स्थित पीसीएफ कृषक सेवा केन्द्र पर था। यहां डीएपी खाद वितरण के दौरान जमकर अफरा-तफरी का माहौल था। सुबह 10 बजे से ही किसानों की लंबी कतारें लग गईं। वैसे केंद्र पर वितरण के लिए 800 बोरी डीएपी एवं 560 बोरी एनपीके भेजी गई थी। लेकिन जरूरतमंद किसानों की संख्या इतनी अधिक थी कि यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई और खाद सभी को नहीं मिल सकी।

जिले की अधिकतर सहकारी समितियों पर डीएपी खाद खत्म हो गई है। किसान परेशान हैं, उन्हें गेहूं की बुवाई की चिंता सता रही है। अभी जिले में 30 हजार हेक्टेयर गेहूं की बुवाई होनी शेष है। इसके अलावा अन्य फसलों की भी बुवाई भी बाकी है। इस समय गेहूं, जौ की फसल की बुवाई का सीजन चल रहा है। सहकारिता विभाग से समितियों के लिए पिछले दिनों पांच हजार बोरी डीएपी (खाद) का उठान कराया गया। अधिकतर समितियों पर खाद खत्म हो चुकी है। किसी समिति पर खाद बची भी है तो वह इतनी नहीं है कि किसानों की जरूरत पूरी हो सके। खाद समाप्त होने से समितियों पर ताले लटक गए हैं। नतीजा खाद लेने पहुंचे किसान ताला लटका देख कर लौट जाते हैं। गेहूं की फसल दिसंबर के पहले पखवाड़े तक बोई जाएगी, लेकिन किसानों के सामने खाद का संकट आ गया है। उनकी चिंता बढ़ गई है। किसानों को अपनी फसल की बुवाई के पिछड़ने का डर लगने लगा है। विभाग की मानें तो अभी खाद की रैक को आने में चार दिन का समय लग सकता है।

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पुलिस के साए मे हुआ वितरण 
पीसीएफ केंद्र पर सुबह से ही खाद को लेकर मारामारी के हालात थे। किसानों की भीड़ देखकर सचिवों ने अफसरों को फोन किए। एसडीएम पटियाली समस्या सुनकर मौके पर पहुंचे। भीड़ उमड़ी देख व्यवस्था बनाने को पुलिस तक बुलानी पड़ गई। जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी खाद बांटी गई, विभिन्न गांवों के करीब 800 से 1000 किसान लाइन में लगे थे। किसानों को प्रति पांच बीद्या पर सिर्फ एक-एक बोरी दी गई। इस दौरान कतार में कई बार जमकर किसानों को बीच धक्का-मुक्की और कहासुनी हुई। पुलिसकर्मी लगातार भीड को नियंत्रित करने में लगे रहे।

महिलाए भी लेने पहुंची डीएपी
किसान एक-एक बोरी डीएपी खाद के लिए परेशान होते नजर आ रहे हैं। ऐसे में किसान जल्दी खाद मिल जाने की उम्मीद में महिलाओं को भी साथ लेकर आ रहे हैं क्योंकि महिलाओं की कतारें छोटी हैं। ऐसे में खाद को महिलाए भी लाइनों में खड़ी होकर अपनी बारी का इंतजार करती दिखीं। कुछ महिला किसानों को खाद के इंतजार में घंटों भूखे प्यासे बैठे रहना पडा। लेकिनउसके बाद भी खाद नहीं मिल सकी।

स्टांक बोर्ड पर अंकित नही था विवरण
अमृत विचार की टीम जब केंद्र पर गड़बड़ी की सूचना पर पड़ताल को पहुंची तो उसकी नजर स्टॉक बोर्ड पर पड़ी। जिसमें सभी खादों के स्टॉक विवरण के आगे निल अंकित था। लेकिन जब पीसीएफ केन्द्र प्रभारी विजय कुमार से बात की तो उन्होने 500 बोरी खाद स्टॉक में उपलब्ध होने की बात कही। जिससे केन्द्र पर बड़ी अनिमियतता सामने आई। इस स्थिति में केंद्र सवालों के घेरे में दिखा।

जानिए क्या बोले एसडीएम पटियाली
एसडीएम पटियाली प्रदीप विमल ने बताया कि उन्होंने केन्द्र का निरीक्षण किया था। इस दौरान स्टॉक आदि व्यवस्थाओं में कहीं खामी नहीं मिली थी। वैसे स्टॉक बोर्ड पर संबंधित खाद का स्टाक अंकित होना आवश्यक है। इसके लिए संबंधित को निर्देशित कर दिया जाएगा।

Edited By: Ballia Tak

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