अधिवक्ता मोहनी हत्याकांड...डीएनए जांच से बेखबर सीएमओ, अंधेरे में तीर चला रही पुलिस

कासगंज: महिला अधिवक्ता मोनी तोमर हत्याकांड का खुलासा हवा-हवाई दिखाई दे रहा है। कभी अधिवक्ता जेल भेजे गए तो कभी नया मोड़ दिखाकर एक महिला सहित दो अन्य आरोपियों को जेल भेजा गया, लेकिन पुलिस स्पष्ट नहीं कर सकी की हत्या क्यों और किसने की? सुपारी किलर कौन है? इधर मामला सुलझने के बजाय उलझता ही जा रहा है। हत्या के बाद से ही शव की शिनाख्त को लेकर उठ रहे सवाल पर पुलिस कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं कर सकी। मामला जब बेहद उलझ गया तो महिला अधिवक्ता की मां का डीएनए का टेस्ट कराया। अब डीएनए रिपोर्ट लंबित है, लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग को ही नहीं पता कि डीएनए किसने कराया, रिपोर्ट कहां से आएगी और जांच कहां हो रही है? इधर पुलिस अंधेरे में तीर चला रही है, लेकिन पुलिस का दावा है कि जल्द ही स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।

3 सितंबर को महिला अधिवक्ता मोहनी तोमर न्यायालय के द्वार से लापता हो गईं। उनका शव चार सितंबर को गोरहा नहर में मिला। शव की शिनाख्त मृतका के पति विजतेंद्र तोमर ने की, लेकिन शिनाख्त को लेकर संशय बना रहा। संशय को उस समय और हवा मिल गई जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई। लापता होने के बाद से 28 घंटे के अंदर शव की बरामद की हो गई, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शव तीन दिन पुराना दर्शाया गया। फिर तो सनसनी फैल गई और डीएनए जांच की मांग उठने लगी, लेकिन पुलिस इस मामले पर पर्दा गिराने की कोशिश करती रही। विवेचक ने कई बार महिला के पति को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट समझने में गलतियां हो रही हैं। इस बीच पांच अधिवक्ता और एक विधि छात्र को जेल भेजा गया। यह सभी महिला की हत्या के नामजद आरोपी थे। फिर भी मामला सुलझा नहीं। पुलिस दावा करती रही कि इस मामले में और भी कई राज हैं। जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा। फिर बीती 14 सितंबर को पुलिस ने खुलासा कर दिया खुलासा। खुलासा भी ऐसा न पुलिस को पता और न ही परिवार के लोगों को कि हत्या किसने की। पुलिस ने महिला रेनू और एक व्यक्ति बॉबी को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जेल भेजने से पहले उससे पूछताछ की तो इन दोनों ने बताया कि उन्हें तो ज्यादा जानकारी नहीं है। इतना पता है कि एटा के बागवाला का सुनील फौजी और सिढ़पुरा के कलानी का रजत हत्या के मुख्य आरोपी हो सकते हैं। दोनों गिरफ्तार आरोपियों ने यह भी बताया कि सुनील एक मुकदमे की रंजिश को लेकर महिला अधिवक्ता की हत्या करना चाहता था, लेकिन पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर सकी कि किस मुकदमे को लेकर हत्या की गई? किस मुकदमे को लेकर विवाद हुआ। जो भी हो इधर यह मामला काफी उलझता गया तो पुलिस ने बुधवार को महिला अधिवक्ता की मां दिनेश कुमारी का डीएनए टेस्ट कराने के लिए नमूना लिया। नमूना प्रयोगशाला भेजा गया है। इधर सवाल यह उठ रहा है कि नमूना कहां लिया गया? किसने लिया और रिपोर्ट कौन देगा? इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं है। सीएमओ ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें कुछ भी नहीं पता। न ही उनके संज्ञान में इस तरह का मामला आया है। जबकि पुलिस दावा कर रही है कि डीएनए जांच के लिए सैंपल भेज दिया गया है और समय रहते रिपोर्ट मिल जाएगी।

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एक के बाद एक और उलझता जा रहा है मामला 
पहले अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर चर्चाओं का विषय था। फिर पुलिस नया मोड़ ले आई। एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ की। हवा हवाई खुलासा कर दिया। कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। सुपारी किलर के बारे में पुलिस कुछ नहीं कर सकी। न गिरफ्तार कर सकी न ही उसका उसके बारे में कोई जानकारी दे सकी। अब हत्या के बाद से लगभग 10 दिन बाद डीएनए सैंपल जांच के लिए भेजा गया तो फिर एक और नया मोड़ इसमें आ गया है।

मेरी पत्नी की हत्या के खुलासे में शून्य है पुलिस
पहले अधिवक्ता मोहनी तोमर के पति विजतेंद्र तोमर ने कहा है कि मेरी पत्नी मोहिनी तोमर की हत्या के खुलासे में पुलिस शून्य है। अब तक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है और न ही कोई कार्रवाई की गई है। आरोपी कौन है। यही स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। पुलिस जल्दबाजी में तरह-तरह के निर्णय लेकर मामले को उलझाती जाती ही जा रही है।

मेरी जानकारी में नहीं है कि डीएनए का जो सैंपल लिया गया है वह कहां लिया गया है और जांच के लिए कहां भेजा गया है। यह कार्य विवेचन का होता है। उन्हीं को अधिक जानकारी होगी कि सैंपल कहां गया है और रिपोर्ट कब तक आएगी। मैंने तो अपने अधीनस्थ से भी जानकारी की तो उन्होंने भी स्पष्ट कर दिया कि उन्हें भी कुछ जानकारी नहीं है। -डॉ. राजीव कुमार, सीएमओ

डीएनए सैंपल भेज दिया गया है। प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने में समय लगता है। जैसे ही रिपोर्ट आएगी अवगत करा दिया जाएगा। जो दो आरोपी फरार चल रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। -राजेश भारती, एएसपी

Edited By: Ballia Tak

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