बरेली: प्रशासन की सीधी निगरानी में रहेंगी 13 फैक्ट्रियां, डीएम ने दिए सख्त निर्देश

बरेली: प्रयागराज महाकुंभ के दौरान गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण को रोकने के लिए जिले की 13 फैक्ट्रियों को प्रशासन की सीधी निगरानी में रखा जाएगा। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने इन फैक्ट्रियों की सख्त निगरानी के लिए तहसीलवार अधिकारियों और सदस्यों की संयुक्त समितियों का गठन किया है। इन समितियों को जनवरी 2025 के पहले सप्ताह से फरवरी तक नियमित निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है।

प्रदूषणकारी फैक्ट्रियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

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जिलाधिकारी ने साफ कहा कि यदि कोई फैक्ट्री प्रदूषित, रंगीन या केमिकल युक्त पानी को रामगंगा या उसकी सहायक नदियों में प्रवाहित करती पाई गई तो तत्काल बंद कर दी जाएगी। इसके अलावा समितियों को हर निरीक्षण की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के वेब पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।

जांच टीम और फैक्ट्रियों का विवरण

1. तहसील सदर:

  • फैक्ट्रियां: रहवर फूड इंडस्ट्रीज, नगर निगम पशु वधशाला, सुपीरियर इंडस्ट्री, ओरियंटल एरोमेटिक्स, बीएल एग्रो ऑयल्स
  • जांच अधिकारी: सिटी मजिस्ट्रेट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी।

2. फरीदपुर तहसील:

  • फैक्ट्रियां: रामा श्यामा पेपर्स, द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्री (शुगर और डिस्टलरी डिवीजन)
  • जांच अधिकारी: एसडीएम फरीदपुर और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी।

3. बहेड़ी तहसील:

  • फैक्ट्रियां: किसान सहकारी चीनी मिल्स, केसर इंटरप्राइजेज लिमिटेड (शुगर और डिस्टलरी डिवीजन)
  • जांच अधिकारी: एसडीएम बहेड़ी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी।

4. मीरगंज तहसील:

  • फैक्ट्रियां: धामपुर बायो ऑर्गेनिक्स लिमिटेड यूनिट
  • जांच अधिकारी: एसडीएम मीरगंज और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी।

5. नवाबगंज तहसील:

  • फैक्ट्रियां: ओसवाल ओवरसीज लिमिटेड (शुगर डिवीजन)
  • जांच अधिकारी: एसडीएम नवाबगंज और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी।

शुद्धिकृत पानी के नमूनों का विश्लेषण अनिवार्य

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव संजीव कुमार सिंह ने बरेली समेत 15 जिलों के प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों को निर्देश दिया है कि महाकुंभ एक्शन प्लान के तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों में गिरने वाले नालों को पूरी तरह नियंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी नदियों, उद्योगों और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के पानी के नमूनों का विश्लेषण किया जाए और रिपोर्ट हर दिन शाम 3 बजे तक कंट्रोल रूम के पोर्टल पर अपलोड की जाए।

महत्व: इस कदम का उद्देश्य प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान गंगा के जल की निर्मलता और अविरलता बनाए रखना है।

Edited By: Ballia Tak

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