बलिया : गुरहत्थी में बिखर गई शादी की खुशियां, बिना दुल्हन लौटी बारात

बांसडीह, बलिया : दूल्हे राजा बारात सजाकर पहुंचे थे। चहुंओर खुशी का माहौल था। खूब आतिशबाजी हुई। दुल्हन पक्ष ने चढ़-बढ़कर आगवानी की। द्वारचार के बाद जयमाल हुआ। इस दौरान वर और कन्या पक्ष काफी उत्साहित था। रिवॉल्विंग स्टेज पर दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। स्पार्कल गन से आतिशबाजी की, लेकिन गुरहत्थी के दौरान गहना न देख दुल्हन भड़क गई। फिर बात बिगड़ी तो बनी नहीं। दुल्हन ने साफ शब्दों में कह दिया कि, मैं शादी नहीं करूंगी। घंटों पंचायत के बाद मामला थाने तक पहुंचा, मगर दुल्हन अपनी बात से डिगी नहीं। इसके बाद आपसी सहमति और लेनदेन के बाद बारात बिना दुल्हन ही लौट गई।

पूरा मामला बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है। दुल्हन बीएससी फर्स्ट ईयर की छात्रा है। एक साल पहले उसकी शादी तय हुई थी। दूल्हा स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नौकरी करता है। शादी को लेकर दोनों परिवार खुश थे। दोनों ने मिलकर शादी के मैन्यू, शादी के कपड़े फाइनल किए थे। दोनों ने हर एक रस्म की प्लानिंग की थी। रविवार की शाम दूल्हे राजा बारात लेकर पहुंचे। इधर, कन्या पक्ष के घर महिलाएं मांगलिक गीत गा रही थी। द्वारचार के बाद जयमाल की रस्म शुरू हुई।
 
देर रात गुरहत्थी के लिये वर पक्ष आंगन में आभूषणों के बिना रस्म पूरी करने का प्रयास किया तो कन्या पक्ष के लोग भड़क गये। गुरहत्थी में वर पक्ष द्वारा आभूषणों को न लाने के लिये बहाना बनाया जाने लगा। इसके बाद कन्या पक्ष ने सीधे तौर पर विवाह से इंकार कर दिया। दोनों पक्षों में काफी देर तक कहासुनी के बाद मामला कोतवाली पंहुचा। लेकिन रात होने के कारण इसमें कुछ नहीं हो सका। इसके बाद सोमवार को एक बार फिर थाने में बाराती व घराती पक्ष के बीच घंटो पंचायत होती रही। कन्या के पिता ने वर पक्ष की किसी भी सफाई को सुनने से इंकार कर दिया। अंततः स्थानीय लोगों की उपस्थिति में दोनों पक्षों ने अपने आपसी खर्चे आदि लेनदेन की वापसी की रूपरेखा तय की, फिर बारात बिना दुल्हन के वापस लौट गयी। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक स्वतंत्र सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों में लेनदेन को लेकर काफी असहमति हो गयी थी। जिसका दोनों पक्षों द्वारा आपस में बात-विचार कर निपटारा किया गया है।
 
Edited By: Ballia Tak

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