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बलिया सड़क हादसे में घायल दो और छात्र वाराणसी रेफर, बीएसए ने जाना छात्रों का हाल
बलिया : एनएच 31 पर स्थित फेफना थाना क्षेत्र के कपूरी गांव के पास खड़े ट्रक में छात्रों से भरी पिकअप ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर की आवाज सुन आसपास के लोगों ने दौड़कर सभी बच्चों को बाहर निकालकर जिला अस्पताल भेजा। इस भीषण हादसे में दो छात्रों की मौत हो गई है, जबकि 14 छात्र घायल है। इनमें तीन का उपचार वाराणसी में चल रहा है। वहीं, हादसे की सूचना मिलते ही डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार व एसपी विक्रम वीर समेत तमाम प्रशासनिक अमला पहुंच गया। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में रहा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह जिला अस्पताल पहुंच गये। बीएसए ने एक-एक छात्रों का हाल जाना। सभी घायलों की उम्र 16 से 19 वर्ष के बीच है।
चिकित्सकों ने गंभीरावस्था में सुमित कुमार यादव (17) पुत्र सुशील कुमार यादव (निवासी : आजाद नगर चितबड़ागांव) व विशाल सिंह (17) पुत्र जितेन्द्र प्रताप सिंह (निवासी : अम्बेडकरनगर चितबड़ागांव) को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में ही विशाल सिंह ने दम तोड़ दिया। यहां जिला अस्पताल में 13 बच्चों का उपचार चलता रहा, लेकिन स्थिति गंभीर देख चिकित्सकों ने आदित्य सिंह (15) पुत्र अरूण सिंह (निवासी : हाता मोहल्ला, चितबड़ागांव) तथा सत्यम तिवारी पत्र संजय तिवारी (निवासी : चितेश्वर टोला, चितबड़ागांव) को वाराणसी रेफर कर दिया। सत्यम तिवारी टाउन इंटर कालेज के छात्र है।
जिला अस्पताल पहुंचे बीएसए, घायल बच्चों का जाना हाल
सड़क हादसे की सूचना मिलते ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह जिला अस्पताल पहुंच गये। बीएसए ने एक-एक छात्रों का हाल जाना। घटनाक्रम की जानकारी ली। कुछ घायल बच्चों से बीएसए ने बातचीत की। उनके स्वास्थ्य के प्रति चिकित्सकों से भी जानकारी ली। बीएसए के साथ प्राशिसं के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे।
केबिन में फंसा रहा पिकअप चालक
जोरदार टक्कर के बाद बच्चों में चीख-पुकार मच गई, आसपास के लोगों ने घायल बच्चों को बाहर निकालकर इलाज के लिए अस्पताल भेजा। वहीं, पिकअप का अगला हिस्सा चपटा हो गया था, जिसमें चालक काफी देर तक फंसा रहा। केबिन काटकर चालक को बाहर निकालने के बाद अस्पताल पहुंचाया गया। उधर, एक साथ इतने बच्चों के जिला अस्पताल पहुंचने से अस्पताल में अफरा-तफरी की स्थिति हो गई। आनन फानन में पहुंची चिकित्सकों की टीम ने सभी घायलों का इलाज शुरू किया। घटना की खबर लगते ही बच्चों के परिवार वाले व स्कूल के शिक्षक भी अस्पताल पहुंचे।
मां-बाप का इकलौता लाडला था विशाल
सड़क हादसे में मृत विशाल सिंह अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र थे। बेटे की मौत से मां-बाप का रोते-रोते बुरा हाल है। उधर, घटनास्थल का नजारा देख आम लोगों की आंखें भी बरसती रही। कही छात्रों की कॉपी-किताबें बिखरी थी तो कही बेैग। कही जूते पड़े थे तो कही टिफिन। किसी को क्या पता था कि हंसते-खेलते स्कूल के लिए निकले उनके लाडलों के साथ अनहोनी होगी।