शिक्षक और नेता ही नहीं, बाढ़ पीड़ितों के सच्चे मसीहा भी थे सुधाकर मिश्र

बलिया : पं. सुधाकर मिश्र सच्चे समाजसेवक तो थे ही, बाढ़ पीड़ितों के अनोखे हितैषी भी थे। गंगा की लहरों में उफान आते ही सुधाकर जी की बेचैनी बढ़ जाती थी। वे गंगा की धारा देखकर ही आने वाली भयावहता को भांप लेते थे। वे लम्बे जीवनकाल में गंगा की विभीषिका देखते-देखते अद्भूत विशेषज्ञ भी बन गये थे। 

उनका तकनीकी ज्ञान किस कदर प्रभावी था, बातचीत में उन्होंने इसका रहस्योद्धाटन किया था। वो बताते थे कि सेंटर वाटर कमीशन जो आंकड़ा इकट्ठा करता था, उस आधार पर रूढ़की आईआईटी में अध्ययन किया जाता था। गंगा की आकृति बनाकर लहरों की गति को उसी स्पीड में छोड़कर अनुमान लगाया जाता था कि गंगा की लहरे इस गति से चलेगी तो कहा-कहा कटान का दबाव बढ़ेगा। वो बताते थे कि दो-तीन बार उन्हें भी विशेषज्ञ के तौर पर रूढ़की जाने का अवसर प्राप्त हुआ था।

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बाढ़ के दिनों में सुधाकर जी की बेचैनी तब और बढ़ जाती थी, जब गांवों में पानी प्रवेश करता था। गांव के लोग मुश्किल में पड़ जाते थे। अधिकारियों के यहां आना-जाना, स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाना, अखबार नवीसों को एक-एक चीज बताना कि बाढ़ की स्थिति कब और कहा भयावह हो सकती है। यही नहीं, बाढ़ के दिनों में राहत सामाग्री जब पहुंचती थी तो उनका पूरा प्रयास रहता था कि राहत सामाग्री वहां पहुंचे, जहां पानी में घिरे लोगों तक कोई नहीं पहुंचता है। 

रोटरी क्लब के पूर्व अध्यक्ष अनिल सिंह बताते है कि गंगा में बाढ़ आई थी। कई गांव पानी से घिर गये थे। भारी मात्रा में राहत सामाग्री लेकर रोटरी क्लब के अन्य सदस्यों के साथ पहुंचे तो सुधाकर जी ने कहा कि राहत सामाग्री वहां ले चलिए, जहां नहीं पहुंची है। नाव में राहत सामाग्री लेकर सुधाकर जी हम सभी को वहां ले गये, जहां लोग पानी से घिरे थे और कोई राहत नहीं पहुंची थी। सुधाकर जी का दुनिया से जाना, समाज की जितनी बड़ी क्षति है, उससे कई गुना क्षति बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों की है। क्योंकि सुधाकर जी उनकी आवाज तो थे ही, बाढ़ के दिनों में लोगों के दुःख दर्द और कठिनाईयों को दूर करने का भगीरथ प्रयास करते थे। 

सुधाकर मिश्र का संक्षिप्त परिचय

सदर तहसील क्षेत्र के रिकनीछपरा गांव निवासी पं. सुधाकर मिश्र आदर्श इंटर कालेज मझौवां में अध्यापक होने के बाद भी राजनीति में सक्रिय रहे। कर्तव्यपथ पर सदैव अडिग रहने वाले पं. सुधाकर मिश्र कर्तव्यनिष्ठ भी थे। देश व समाज के लिए खुद को समर्पित करने वाले पं. मिश्र पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व पं. कलराज मिश्र के करीबियों में से एक थे। पं. कलराज मिश्र तो इनसे मिलने घर तक आते रहते थे।

जनसंघ के टिकट पर 1969 और 1974 में द्वाबा विधानसभा (अब बैरिया) सीट से चुनाव लड़ चुके पं. सुधाकर मिश्र का प्रचार करने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पहुंचे थे। 1998 में शिक्षक से सेवानिवृत्त हुए पं. मिश्र भाजपा के जिला मंत्री व मंत्री कई बार रहे। वहीं, बेलहरी ब्लाक के उप प्रमुख पद को सुशोभित करने वाले पं. मिश्र एनएच-31 को गंगा नदी से बचाने के लिए 1960 के दशक में बड़ा आंदोलन खड़ा किये थे, जो ताउम्र लड़ते रहे। 07 सितम्बर 2024 की शाम पं. मिश्र ने बलिया शहर के मिश्र नेवरी स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। 

डॉ. अखिलेश सिन्हा
प्रधानाचार्य
टाउन इंटर कालेज, बलिया

Edited By: Ballia Tak

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