अकाल मृत्यु का कारण बन 

अकाल मृत्यु :अगर हम अपने जीवन में सही आदतों को अपनाते हैं तो, जीवन की कई परेशानियां यूं ही दूर हो जाती हैं। वहीं अगर हमारी आदतें गलत हैं तो कई उतार-चढ़ाव हमारी जिंदगी में आ सकते हैं और ये आदतें हमारी अकाल मृत्यु का कारण भी बन सकती हैं। आध्यात्मिक ज्ञान के जरिये लोगों का मार्गदर्शन कर रहे प्रेमानंद जी महाराज ने भी अपने एक ब्लॉग में कुछ ऐसी आदतों का जिक्र किया है जिनसे हमें हमेशा दूरी बनानी चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं इन आदतों के बारे में। 

मन की चंचलता

अगर आपका मन एकाग्र नहीं है तो निश्चित ही गलत चीजों पर आपका ध्यान जाता है। आपकी ऊर्जा बेवजह की चीजों पर नष्ट होती रहती है, जिसका बुरा प्रभाव आपके जीवन पर भी देखने को मिलता है। आपने कई लोग देखे होंगे जो कुछ करने की बजाय अक्सर नाखून चबाने लगते हैं, मुंह में कोई तिनका कागज डालकर चबाने लगते हैं, बैठे-बैठे पैर हिलाने लगते हैं। प्रेमानंद जी के अनुसार ऐसे व्यर्थ के कार्य करने से आपकी आयु कम होती है। 

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नास्तिकता कम कर देती है आयु

अगर आप नास्तिक हैं, शास्त्रों में लिखे नियमों के विरुद्ध चलते हैं, गुरु की आज्ञा को नहीं मानते तो आपकी आयु बहुत जल्दी नष्ट हो जाती है। धर्म के विरुद्ध कार्य करना आपके लिए जीवन में भी और जीवन के बाद भी हानिकारक साबित हो सकता है। 

संध्या काल में ये कार्य करने से बचें

संध्या काल के दौरान भोजन करने को और शारीरिक संबंध बनाने को अच्छा नहीं माना जाता। इन कार्यों को करने से आपकी आयु कम होती है। यह समय भगवत भजन करने के लिए सबसे उचित माना जाता है। 

अवैध संबंध 

अगर आप पराई स्त्री या पराए पुरुष  के साथ संबंध बनाते हैं, अपने जीवनसाथी को धोखा देते हैं तो इससे आपका अहित हो सकता है। इसके साथ ही यह कार्य आपकी अकाल मृत्यु का कारण भी साबित हो सकता है। इसलिए आपको कभी भी अपने जीवनसाथी को धोखा नहीं देना चाहिए। 

संत-महात्माओं और गुरुजनों का अपमान

गुरुजनों और संत-महात्माओं को पूजनीय माना जाता है। ऐसे में अगर आप इनका अपमान करते हैं तो आपके जीवन में कई परेशानियां पैदा हो सकती हैं। इसके साथ ही आपकी ये गलत आदत आपकी मृत्यु का कारण भी बन सकती है। इसके साथ ही जो लोग गर्भवती महिला का अपमान करते हैं उसे बाधा पुहंचाते हैं, उनकी भी असमय मृत्यु हो सकती है। 

दूसरों के कपड़े और जूते-चप्पलों को न पहनें 

प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि, कभी भी आपको किसी के जुते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए और ना ही किसी के पहने हुए कपड़े ही धारण करने चाहिए। ऐसा करने से भी आपकी आयु घटने लगती है। 

इन तिथियों पर रहें संयमित

हिंदू धर्म में पूर्णिमा, चतुर्दशी, एकादशी, अष्टमी और अमावस्या तिथि को बहुत अहम माना जाता है। इन तिथियों पर शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। ये कुछ ऐसे दिन हैं जब हर किसी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। लेकिन अगर आप इन तिथियों पर भी संयमित नहीं रहते तो आपकी आयु कम हो सकती है।

बुरे वचन कहना और दूसरों का उपहास उड़ाना 

जो लोग अपनी वाणी से दूसरों को आहत करते हैं, दूसरों पर मिथ्या आरोप लगाते हैं, जिनका व्यवहार क्रूर होता है ऐसे लोगों का समाज में तो निरादर होता ही है, साथ ही ऐसे लोगों को इस जीवन में भी और परलोक में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। प्रेमानंद जी कहते हैं कि जो लोग दूसरे का उपहास उड़ाते हैं वो भी कई तरह के कष्टों का सामना जीवन में कर सकते हैं। 

ब्रह्म मुहूर्त में सोते रहना

जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में भी सोते रहते हैं उनकी आयु भी कम हो जाती है। वहीं जो लोग ब्रह्ममुहूर्त में योग-ध्यान और भजन करते हैं उनकी आयु बढ़ जाती है।

पवित्र स्थानों में गंदगी फैलना

अगर आप धार्मिक और पवित्र स्थानों पर गंदगी फैलाते हैं या गलत कार्य करते हैं तो इसकी वजह से भी आपकी आयु कम हो सकती है। इसलिए पवित्र स्थानों पर आपको सादगी भरे तरीके से व्यवहार करना चाहिए। 

Edited By: Ballia Tak

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