केंद्र सरकार का 2019 के अनुच्छेद 370  निर्णय की वैध 

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के निर्णय की वैधता को बरकरार रखने के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ में पुनर्विचार याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि फैसले के हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं बनता है.

याचिकाओं में कहा गया था कि अनुच्छेद 370 को खत्म नहीं किया जा सकता, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. 11 दिसंबर 2023 को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था. पीठ ने सर्वसम्मत से माना था कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था.

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संविधान की पीठ ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने का आदेश देने की राष्ट्रपति की शक्तियों को भी बरकरार रखा था. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनुच्छेद 370 असीमित संघवाद की विशेषता थी न कि संप्रभुता की. कोर्ट ने यह भी माना था कि भारतीय संविधान के सभी प्रावधानों को लागू करने के लिए जम्मू-कश्मीर की सहमति की आवश्यकता नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा था कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव 30 सितंबर, 2024 तक होने चाहिए. साथ ही जम्मू एवं कश्मीर को राज्य का दर्जा यथाशीघ्र बहाल करने के लिए कहा गया था.

Edited By: Ballia Tak

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