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Maharshtra Politics:अजीत पवार खेमे के 19 विधायक बदल सकते हैं पाला, रोहित पवार का दावा
Rohit Pawar claim: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता रोहित पवार ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खेमे से 18 से 19 विधायक उनके पक्ष में आ सकते हैं। यह कदम राज्य विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र के बाद उठाया जाएगा। रोहित पवार ने बताया कि ऐसे कई एनसीपी विधायक हैं, जिन्होंने जुलाई 2023 में पार्टी में टूट के बाद से पार्टी के संस्थापक शरद पवार और अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कभी बुरा नहीं कहा है। उनका कहना है कि ये विधायक सही समय का इंतजार कर रहे हैं।
रोहित पवार ने कहा कि इन विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य करना है। इसके लिए उन्हें फंड की जरूरत है। ऐसे में वे सत्र खत्म होने तक इंतजार करेंगे।इसके बाद पाला बदलकर वापस शरद पवार के खेमे में आ जाएंगे। रोहित पवार ने दावा किया कि 18 से 19 विधायक शरद पवार के संपर्क में हैं। ये सभी विधायक सत्र के बाद पाला बदल सकते हैं।
शरद पवार लेंगे विधायकों की वापसी पर फैसला
रोहित पवार ने यह भी बताया कि शरद पवार और एनसीपी के दूसरे सीनियर नेता तय करेंगे कि किसे वापस पार्टी में लिया जाएगा और किसे नहीं। बता दें कि अविभाजित एनसीपी ने 2019 के चुनावों में 54 विधानसभा सीटें जीती थीं। जुलाई 2023 में पार्टी में टूट हो गई थी। अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी। इसके बाद वह सत्तारूढ़ गठबंधन में चले गए। इसके बाद अजित पवार को डिप्टी सीएम बना दिया गया।
महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारी शुरू
बता दें कि महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र 27 जून से शुरू होगा। सत्र 12 जुलाई को खत्म होगा। महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले यह आखिरी सत्र होगा। इस विधानसभा सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर विपक्ष की ओर से विधानसभा सत्र के दौरान मुद्दा उठाया जा सकता है।
रोहित ने प्रफुल पटेल के बयान का भी किया जिक्र
रोहित पवार ने एनसीपी के राज्यसभा सांसद प्रफुल पटेल के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनेंगे। रोहित पवार ने कहा कि इससे पता चलता है कि प्रफुल पटेल का अजित पवार की पार्टी पर कंट्रोल है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि अजीत पवार विकास के लिए अलग हुए या प्रफुल पटेल को ईडी से बचाने के लिए। रोहित पवार का दावा महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। अब देखना यह होगा कि मानसून सत्र के बाद वास्तव में कितने विधायक पाला बदलते हैं और इसका राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।