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चुनाव की वजह से संभल में हिंसा हुई:अखिलेश
- अफसरों पर होनी चाहिए एफआईआर
- अडाणी मुद्दे पर विपक्ष के प्रदर्शन से सपा-टीएमसी का किनारा
- विपक्ष ने संसद के बाहर अडाणी मुद्दे पर किया प्रदर्शन
नई दिल्ली। संसद सत्र के छठवें दिन मंगलवार को अडाणी और संभल हिंसा पर एक बार फिर हंगामा हुआ। सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा, संभल में जो घटना हुई, वह एक सोची-समझी साजिश है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव था। अफसरों पर एफआईआर होनी चाहिए। अखिलेश यादव के बयान पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, 'किसी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा कायम नहीं हुआ। जो संभल में हुआ उसी आधार पर बदायूं, जौनपुर और अजमेर शरीफ में जो हो रहा है ये सारे देश में आग लगाने की साजिश है कि नहीं?' उन्होंने कहा- 24 नवंबर को सुबह 6 बजे पूरे संभल में पुलिस तैनात कर दी गई। संभल के लोगों को पता ही नहीं था कि पुलिस क्यों तैनात की जा रही है। कुछ देर बाद डीएम, एसपी, वकील और कुछ लोग पुलिस के साथ ढोल बजाते हुए मस्जिद में घुस गए। भीड़ को शक था कि वे मस्जिद में तोड़फोड़ करने जा रहे हैं। इससे पहले संसद के बाहर विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने अडाणी और संभल मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के साथ पक्ष और विपक्ष के फ्लोर लीडर्स की सोमवार को मीटिंग हुई। इसमें तय हुआ कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों को ठीक से चलाया जाएगा। विपक्ष के नेताओं ने कुछ मांगे रखी जिसे मान लिया गया है। हालांकि आज जब लोकसभा और राज्यसभा 11 बजे शुरू हुई तो एक बार फिर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'सदन नहीं चलना और जनता के पैसों का नुकसान होना ये ठीक नहीं है। सबने इस बात को माना है। 13 और 14 तारीख को संविधान पर लोकसभा में चर्चा करेंगे और 16-17 को राज्यसभा में चर्चा होगी।