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रेलवे सुरक्षा का मुद्दा
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जिले में सोमवार को न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के समीप हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद भारतीय रेलवे सुरक्षा का मुद्दा जांच के दायरे में आ गया है। इस दुर्घटना ने भारतीय रेलवे प्रणाली के भीतर सुरक्षा उपायों में खामियों के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। रेल हादसे में एक मालगाड़ी ने कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी । दुर्घटना के कारण एक्सप्रेस ट्रेन के पिछले हिस्से के चार डिब्बे और कंटेनर ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए। परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए और घायल हुए।
इस घटना ने यह सुनिश्चित करने के महत्व की ओर ध्यान आकर्षित किया है कि भारतीय रेलवे उन सभी के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद हो जो इसका उपयोग करते हैं। ट्रेन को आपस में टकराने से बचाने के लिए भारत ने स्वदेशी कवच सिस्टम बनाया है। कवच भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है।
यह कार्यात्मक कवच प्रणालियों से लैस दो इंजनों के बीच टकराव को रोकता है। एक बार सिस्टम सक्रिय हो जाने के बाद पांच किलोमीटर की सीमा के भीतर सभी ट्रेनें आसन्न पटरियों पर ट्रेनों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए रुकेंगी। कवच प्रणाली से रेल पटरियों पर ट्रेनों की टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। योजना के अनुसार कवच प्रणाली को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
भारतीय रेलवे विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है, जहां लाखों लोग प्रति दिन परिवहन के लिए इस पर निर्भर करते हैं। हादसे में यात्रियों व रेलकर्मी की मौत ने ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा तंत्रों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। भारतीय रेलवे में सभी स्तरों पर सुरक्षा के महत्व पर जोर देकर सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही रेलवे संचालन के हर पहलू में सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी की भावना पैदा करें।