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अब आगे क्या
लंबे इंतजार के बाद अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का क्षण बताते हुए कहा कि ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरा देश ‘राममय’ हो गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि हम ‘त्रेता युग’ में आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि कालचक्र बदल रहा है हम समर्थ, सक्षम, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। परंपरा की पवित्रता और आधुनिकता की अनंतता, दोनों ही पथ पर चलते हुए भारत, समृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचेगा।
राम मंदिर समाज के हर वर्ग को उज्ज्वल भविष्य के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा लेकर आया है। प्रत्येक देशवासी संकल्प लें कि राष्ट्र निर्माण के लिए पूरा जीवन लगा देंगे। ये मंदिर, मात्र एक देव मंदिर नहीं है। ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। सुखद संयोग है कि मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर वर्तमान पीढ़ी एक कालजयी क्षण की गवाह बनी है।
जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि युग की मांग है हमें अपने अंतःकरण को विस्तार देना होगा। हमारी चेतना का विस्तार, देव से देश तक, राम से राष्ट्र तक होना चाहिए। वास्तव में आने वाला समय सफलता का है। परंपरा की पवित्रता और आधुनिकता के पथ पर चलते हुए भारत समृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचेगा। यानि आने वाला समय अब सिद्धि का है। ये भव्य राम मंदिर भारत के उत्कर्ष, भारत के उदय का और भव्य भारत के अभ्युदय का साक्षी बनेगा। आज अयोध्या का ये उत्सव रामायण की वैश्विक परंपराओं का भी उत्सव बना है। ऐसे में निश्चित ही राम मंदिर विकसित भारत का साक्षी बनेगा।