भारत और एससीओ

आतंकवाद का विश्व और विशेष रूप से भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा है। भारत विभिन्न आतंकवादी संगठनों द्वारा की गई आतंकवादी कार्रवाइयों से प्रभावित हो रहा है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में गुरुवार को भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से उन देशों को अलग-थलग करने और बेनकाब करने को कहा जो आतंकवादियों को प्रश्रय देते हैं। 

भारत ने चीन और पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर आतंकवाद को बेलगाम छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हुए। 

बता दें चीन ने अक्सर पाकिस्तान के वांछित आतंकवादियों को काली सूची में डालने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत प्रस्तावों को अवरुद्ध किया है। भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि सीमापार आतंकवाद के लिए निर्णायक प्रतिक्रिया चाहिए और आतंकवाद के वित्तपोषण तथा भर्ती से दृढ़ता से निपटना होगा। 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि एससीओ के सदस्य देशों की सुरक्षा संगठन की प्राथमिकता बनी हुई है और इस कार्य को पूरा करने के लिए क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी संरचना में बदलाव लाया जाएगा। गौरतलब है कि एससीओ भारत को मध्य एशियाई देशों के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जिनके पास प्राकृतिक संसाधनों का विशाल भंडार है। यह प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह बनकर उभरा है। 

यह एक राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है, जिसका लक्ष्य क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है। एससीओ में ऐसे सदस्य देश शामिल हैं, जो भिन्न-भिन्न राजनीतिक प्रणालियां, आर्थिक मॉडल और रणनीतिक प्राथमिकताएं रखते हैं। इससे आर्थिक सहयोग और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर आंतरिक संघर्षों एवं असहमतियों की संभावना बनती है। 

2001 में शुरू हुए एससीओ के वर्तमान सदस्यों में चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। ईरान 2023 में पूर्ण सदस्य बन गया और बेलारूस को अस्ताना बैठक के दौरान शामिल किया गया। आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद वे प्रमुख खतरे हैं जिन पर एससीओ विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करता है। 

संगठन का आतंकवाद विरोधी सहयोग पर विशेष ध्यान है लेकिन इसके आंतरिक अंतर्विरोध चिंता के कारण हैं और सदस्य देशों के बीच संघर्ष को रोकना एससीओ के लिए उच्च प्राथमिकता का विषय है। फिर भी भारत को इस क्षेत्र में आतंकवाद से निपटने के लिए संगठन के सामूहिक प्रयासों से लाभ प्राप्त हो सकता है।

Edited By: Ballia Tak

खबरें और भी हैं

Latest News

एडेड स्कूलों में 22 से अधिक फर्जी नियुक्तियां, DIOS ने रोका वेतन ; लगभग 2 करोड़ हो चुका है एरियर भुगतान एडेड स्कूलों में 22 से अधिक फर्जी नियुक्तियां, DIOS ने रोका वेतन ; लगभग 2 करोड़ हो चुका है एरियर भुगतान
मऊ : प्रबंधक और तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक की मिली भगत से जिले के माध्यमिक विद्यालयों में पिछले एक वर्षों...
बलिया : नहीं रहे पं. सुधाकर मिश्र, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व कलराज मिश्र से था गहरा रिश्ता ; जानिए जनसंघ से भाजपा तक इनका राजनीतिक सफर
बलिया : त्यागपत्र व नियुक्ति, वेतन, पेंशन तथा ग्रेज्युटी भुगतान के मामले में चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर हुआ बड़ा हादसा, एक की मौत 
महिमा फिजियोथेरेपी क्लीनिक में मरीजों को दी जा रही फिजियोथेरेपी की बेहतर सुविधा
Copyright (c) Ballia Tak All Rights Reserved.
Powered By Vedanta Software