उत्साहजनक वृद्धि

किसी भी देश की उन्नति व समृद्धि के लिए मजबूत अर्थतंत्र का होना बहुत आवश्यक है। एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था से ही हम देश की सुरक्षा और मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक खबर आई है। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2024 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ 7.8 फीसदी रही है।

वहीं पिछले साल की समान तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही थी। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी रही है। जीडीपी के यह आंकड़े अनुमानों से कहीं बेहतर रहे हैं। वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में चीन की जीडीपी लगभग 4.5 फीसदी के आसपास रही है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 5.3 फीसदी रही है।

यह आंकड़ा सभी अनुमानों एवं पूर्वानुमानों से ऊपर है। गौरतलब है कि यह वृद्धि दर एनएसओ द्वारा 2023-24 के लिए 7.6 प्रतिशत और आरबीआई द्वारा अनुमानित 7 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। जीडीपी की शिखर की ओर बढ़ने की गति भारत के शक्तिशाली बनने का आधार है। वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में चीन की जीडीपी लगभग 4.5 फीसदी के आसपास रही है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 5.3 फीसदी रही है।

कोरोना काल के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था हिली हुई है। चीनी अर्थव्यवस्था गिरते जीडीपी से जूझ रहा है। हालांकि हाल ही में आईएमएफ ने 2024 के लिए चीन की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान को पहले के 4.6 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने आगाह किया है कि 2029 तक यह घटकर 3.3 फीसदी रह जाएगी। यह संतोष का विषय है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

‘इंडियन इकोनॉमी- अ रिव्यू’ में यह उम्मीद जताई गई है कि भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा। जीडीपी के उत्साह जनक आंकड़े आने के बाद अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक और अच्छी खबर आई है। देश का सकल जीएसटी संग्रह मई में 10 प्रतिशत बढ़कर 1.73 लाख करोड़ रुपये हो गया।

वित्त मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि यह वृद्धि घरेलू लेन-देन से राजस्व में वृद्धि के कारण हुई है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल, 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। मंत्रालय ने बयान में कहा,“मई, 2024 में सकल जीएसटी संग्रह 1.73 लाख करोड़ रुपये रहा है।”

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की यह गति इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल और सामाजिक विकास की दृष्टि से देश को आत्मनिर्भर बनाने की रफ्तार को भी गति देगी। साथ ही आर्थिक विकास देश को न केवल विकसित देशों में, बल्कि इसकी अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर तीसरे स्थान दिलाने के संकल्प को बल देने में सहायक बनेगा। 

Edited By: Ballia Tak

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