निरंतर प्रयास जरूरी

भारत अपने सतत विकास लक्ष्यों 2030 (एसडीजी) के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपना रहा है। इसके बावजूद इसके 17 लक्ष्यों और 169 संबद्ध लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अभी बहुत प्रयास करने की आवश्यकता है। हाल में भारत में जारी एसडीजी की प्रगति रिपोर्ट डेटा आधारित प्रमाण पेश करती है। यह बताती है कि एसडीजी और उससे जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने की प्रक्रिया में भारत की प्रगति मिलीजुली रही है।

गौरतलब है कि सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा शिखर सम्मेलन में 193 सदस्य देशों ने सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा अपनाया, जो 1 जनवरी 2016 को लागू हुआ। एजेंडा का सार्वभौमिक सिद्धांत है ‘किसी को पीछे न छोड़ें’। वैश्विक स्तर पर एसडीजी की सफलता निर्धारित करने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है।

2015 में संयुक्त राष्ट्र सतत विकास शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत वैश्विक समुदाय का छठा हिस्सा है। हमारी विकास संबंधी जरूरतें बहुत बड़ी हैं। भारत में लोगों को आधुनिक सुविधाओं और विकास के साधनों तक पहुंच के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ा है। हमने इस कार्य को अनुमान से पहले ही पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है। 

सोमवार को न्यूयॉर्क में सतत विकास के लिए वर्ष 2024 के उच्च स्तरीय राजनैतिक मंच (एचएलपीएफ) में संयुक्त राष्ट्र की उप प्रमुख आमिना मोहम्मद ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति का लक्ष्य 2030 की समय सीमा में हासिल करने के लिए जरूरी प्रतिबद्धता और निवेश को तत्काल वास्तविकता में तब्दील करना होगा। एसडीजी प्राप्त करने की दिशा में भारत सरकार की नीतियों का अहम योगदान है। इनमें स्वच्छ भारत मिशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटीज, प्रधानमंत्री जन धन योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना आदि शामिल हैं।

आंकड़ों के अनुसार कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया। फिर भी भारत ने हाल के वर्षों में गरीबी उन्मूलन के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। बहुआयामी गरीबी में 9.89 प्रतिशत की कमी आई और यह 2015-16 से 2019-21 के बीच घटकर 14.96 प्रतिशत रह गई।

कुल मिलाकर भारत तेज गति से बढ़ रहा है, वहीं वृद्धि के लाभ आबादी के एक बड़े हिस्से तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बेहतर होगा कि सरकार आने वाले वर्षों में तय लक्ष्य पाने के लिए उन क्षेत्रों पर जोर दे,जहां हम अभी पीछे हैं। इसके लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता होगी तथा लोगों की खर्च योग्य आय बढ़ानी होगी। साथ ही अपने घरेलू संसाधनों के भीतर सर्वोत्तम संभव कार्य करने का प्रयास करने होंगे।

Edited By: Ballia Tak

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